सुख दुख तो है, जिन्दगी के दो हिस्से ।
इस हकीकत को भला, भूल गये क्यों तुम बन्दे ॥
सुख को तो, बहुत प्यार किया।
अब दुःख को, गले लगा ले बन्दे ॥
सुख की तरह ये, दु:ख भी कट जायेंगे।
बदलती ऋतुओ से, तू कुछ सीख ले बन्दे ॥
पश्चिम में जो, सूरज डूब गया ।
उसके लिए क्यों तूम, दु:खी हो रहे बन्दे ॥
घूमकर एक बार तू, पूर्व में तो देख ।
वही सूरज लालिमा बिछाए, खडा है स्वागत में तुम्हारे बन्दे ॥
इस हकीकत को भला, भूल गये क्यों तुम बन्दे ॥
सुख को तो, बहुत प्यार किया।
अब दुःख को, गले लगा ले बन्दे ॥
सुख की तरह ये, दु:ख भी कट जायेंगे।
बदलती ऋतुओ से, तू कुछ सीख ले बन्दे ॥
पश्चिम में जो, सूरज डूब गया ।
उसके लिए क्यों तूम, दु:खी हो रहे बन्दे ॥
घूमकर एक बार तू, पूर्व में तो देख ।
वही सूरज लालिमा बिछाए, खडा है स्वागत में तुम्हारे बन्दे ॥
टिप्पणियाँ